इंजी. सुनील कुमार वाजपेयी षष्ठि-पूर्ति एवं अभिनन्दन समारोह आयोजन समिति, लखनऊ
इंजी. सुनील कुमार वाजपेयी षष्ठि-पूर्ति एवं अभिनन्दन समारोह आयोजन समिति, लखनऊ
कार्यालय : 547क/245, शीतला पुरम (निकट जलालपुर रेलवे फाटक), राजाजीपुरम्, लखनऊ-226017
दिनांक : 08.09.2024
इंजी. सुनील कुमार वाजपेयी षष्ठि-पूर्ति अभिनन्दन ग्रंथ लोकार्पण एवं सम्मान समारोह सम्पन्न
“बैसवारा अंचल के प्रति एक कहावत है कि यहां कविता की खेती होती है।” यह बात समारोह के अध्यक्ष प्रो. सूर्यप्रसाद दीक्षित जी ने इं. सुनील कुमार वाजपेयी के षष्ठि पूर्ति समारोह में कही। उन्होंने कहा कि “काव्य का वरदान उन्हें अपने परिवेश व अनुवांशिकी से मिला है। यद्यपि यह अब लखनऊ वासी हो गये हैं। लखनऊ नगर के प्रति भी उन्होंने गहरी आस्था व्यक्त की है पर बैसवारी छटा उनके रोम-रोम में विद्यमान है।”
उ.प्र. हिन्दी संस्थान के निराला सभागार में आयोजित इस समारोह में श्री सुनील कुमार वाजपेयी के व्यक्तित्व कृतित्व पर आधारित अभिनन्दन ग्रंथ “जीवन पथ पर चलते-चलते” का लोकार्पण भी किया गया। सम्मानित अतिथि सुशांत विश्वविद्यालय गुरुग्राम के कुलाधिपति श्री जयशंकर मिश्र जी ने कहा कि “वाजपेयी जी अत्यन्त संवेदनशील, भावप्रवण एवं समर्थ रचनाकार हैं। वे अपने आस-पास की वस्तुओं, विषयों एवं घटनाओं का सूक्ष्म निरीक्षण कर चिन्तन-मनन कर उसे अत्यन्त प्रभावपूर्ण ढंग से छंद युक्त कविता में ढालने में निपुण है।” प्रो. हरिशंकर मिश्र जी ने अपने वक्तव्य में श्री वाजपेयी जी की कर्तव्यनिष्ठा को रेखांकित करते हुये कहा कि – “सरकारी सेवा में रहते हुये भी इन्होंने साहित्य सेवा के अत्यन्त कठिन कर्म को साधा और स्वयं को प्रतिष्ठित किया। आपके व्यवहार में सहजता और विनम्रता स्वाभाविक रूप से विद्यमान है।” पद्मश्री डॉ. विद्याविन्दु सिंह जी ने कहा कि – “इं. सुनील कुमार वाजपेयी एक संवेदनशील रचनाकार हैं। इनकी व्यवहार कुशलता और सबके प्रति आत्मीयता का भाव सराहनीय है। उनकी रचनाओं में पर्यावरण चेतना और प्रकृति के प्रति आत्मीय भाव तथा सामाजिक परिवर्तन के प्रति जागरूकता का संदेश है।”
इस अवसर पर इं. सुनील कुमार वाजपेयी जी की षष्ठिपूर्ति पर उनका एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती नीलू वाजपेयी जी का समिति द्वारा भव्य सम्मान किया गया तथा लखनऊ नगर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा श्री सुनील कुमार वाजपेयी का सम्मान भी किया गया जो कि निम्न है:
1. राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उ.प्र., 2. नवसृजन संस्था, 3. अविरल साहित्यिक संस्था, 4. हिन्दी साहित्य भारती, लखनऊ इकाई, 5. श्रीमती मुन्नीदेवी एवं पं. रामतेज तिवारी आध्यात्मिक संस्थान, 6. अनन्त अनुनाद साहित्यिक मंच, 7. साहित्यकार संसद लखनऊ एवं 8. युवा रचनाकार मंच, लखनऊ, 9. वैश्विक हिन्दी महासभा, लखनऊ इकाई।
इस अवसर पर ममता सिंह जी ने श्री सुनील कुमार वाजपेयी जी द्वारा रचित सरस्वती वन्दना का सस्वर गायन किया। कार्यक्रम का संचालन नवीन शुक्ल ‘नवीन’ व डॉ. रश्मिशील जी ने किया। समारोह में श्री सुनील कुमार वाजपेयी जी के परिवार के सभी सदस्य भी मनोयोग से उपस्थित थे। समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश चन्द्र अवस्थी जी ने उपस्थित साहित्यकारों एवं साहित्यानुरागियों का स्वागत एवं उनके प्रति आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।