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विश्व महाकुम्भ का समापन हुआ

विश्व महाकुम्भ का समापन हुआ

विश्व कुम्भ का समापन हुआ,
संगम तट पर पटाक्षेप सा हुआ,
त्रिवेणी अब शान्त रह सकेगीं,
वहाँ बहुत कम हलचल होगी।

संसार की सारी आबादी का एक
दशांश जन गण स्नान को आया,
गंगा यमुना सरस्वती के संगम में,
पवित्र – स्नान की डुबकी लगाया।

महाशिवरात्रि पर एक दुर्लभ खगोलीय घटना का साक्षी बन चुका है। आसमान में 7 ग्रह-बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून एक सीधी रेखा में परेड कर रहे हैं।

ज्योतिष के विद्वानों का कहना है कि ग्रहों का यह महासंयोग 350 सालों बाद शुभ संकेत लेकर आया है। इसके चुंबकीय प्रभाव से ग्रहों की नकारात्मकता कम हो जाएगी। विश्व में शांति, सद्भाव और खुशहाली आएगी। हालांकि, खगोल शास्त्री इस खगोलीय घटना को सोलर सिस्टम की सामान्य घटना भी मानते हैं।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार प्लेनेट परेड? कैसे पॉजिटिव एनर्जी रिलीज होगी? ज्योतिष के मुताबिक इसके क्या कुछ प्रभाव पड़ेंगे?

महाकुंभ में मौजूद ज्योतिषाचार्य के मुताबिक महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 26 फरवरी की सुबह 11.08 बजे चतुर्दशी तिथि से 27 फरवरी की सुबह 8.54 बजे तक है। इस दौरान जो खगोलीय घटना घटित होगी, उसमें सूर्य-शनि योग विश्व में सकारात्मक परिवर्तन लाएगा।

अमावस्या जैसा ग्रह का महासंयोग:

ज्योतिर्विदों ने बताया- प्रयागराज में सूर्य-चंद्रमा मकर राशि में थे। कुंभ राशि में शनि थे, वृषभ राशि में गुरु थे, इस कारण प्रयागराज में महाकुंभ का संयोग बना। महाकुंभ 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ हुआ। 26 फरवरी को महाकुंभ का अंतिम स्नान पर्व है। महाशिवरात्रि पर अमावस्या स्तर के ग्रह बलवान हैं। इस दिन कुंभ राशि में चंद्रमा, बुध, सूर्य, शनि जबकि मीन राशि में शुक्र और राहु हैं। वृषभ राशि में जुपिटर है, मिथुन राशि में मंगल है। हमारे जितने निगेटिव ग्रह हैं, वे इन शुभ राशियों में हैं। 26 फरवरी यानि महाशिवरात्रि को ब्रह्मांड में यह ग्रह एलाइनमेंट (संरेखण) हो रहा हैं। साल 2019 के बाद शनि के प्रकोप के कारण कोरोना जैसी महामारी फैली। करोड़ों लोगों की मौतें हुई। इसके बाद महाकुंभ आया, अब तक 70-75 करोड़ लोग स्नान कर चुके। यह महाकुंभ खगोलीय परिवर्तन के बिना संभव नहीं है।

कहीं न कहीं प्रयागराज में जो ग्रहों का प्रभाव है, महाकुंभ के रूप में इसका असर पूरे विश्व पर पड़ा है। इसलिये इस महाकुंभ को विश्व कुंभ कहा जाना चाहिये।
गुरु जो वृषभ राशि में हैं, वह उच्च बलवती हो रहे हैं। दुनिया में सकारात्मक परिवर्तन होने जा रहा है।

साथ ही सूर्य-शनि योग के कारण पूरे विश्व में एक सकारात्मक परिवर्तन होने जा रहा है। सुख, समृद्धि और शांति के योग बन रहे हैं। 5 वर्षों से पूरा विश्व अशांत था। इस नए ग्रह ऑर्डर के कारण अब रूस और यूक्रेन का युद्ध भी 30 मार्च तक खत्म हो जाएगा। पूरा विश्व एक नई दिशा की ओर बढ़ेगा, मार्च तक पूरे विश्व में सकारात्मकता और शांति आएगी, नकारात्मकता हटेगी।

आशा है कि यही ग्रह जीवन में सुख-शांति छीन लेते हैं, यही ग्रह सुख-समृद्धि और शांति देते हैं। 26 फरवरी को 7 ग्रह एक लाइन में दिखेंगे। महाकुंभ में पूरी दुनिया से आने वाले लाखों श्रद्धालु सकारात्मक लेकर अपने घर लौटेंगे।

क्या होता है प्लेनेट परेड:

खगोलशास्त्री बताते हैं कि सभी ग्रह हमारे सौरमंडल में सूर्य के चारों तरफ घूमते रहते हैं। जब कुछ ग्रह एक सीधी लाइन में नजर आते हैं, तो इसे प्लेनेट परेड या प्लेनेटरी अलाइनमेंट कहते हैं। सोलर सिस्टम में 8 ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं। पृथ्वी भी सूर्य का चक्कर लगाती है। यह ग्रह हमेशा एक-दूसरे से अलाइन होते हैं। सोलर सिस्टम में ग्रह इसके चारों ओर सर्किल शेप में चक्कर लगाते रहते हैं।

डा० कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’,
‘विद्या वाचस्पति’
लखनऊ ‎

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