Search for:

आचरण संस्था की काव्य गोष्ठी संपन्न

आचरण संस्था की काव्य गोष्ठी संपन्न

उन्नाव – दिनांक १५-१२-२०२४ को आचरण संस्था की १९४ वीं मासिक कवि गोष्ठी संस्था की महामंत्री श्रीमती विमला देवी के आवास पर श्री निशांत”बागी” की अध्यक्षता में सम्पन् हुई जिसका संचालन श्री उमाशंकर यादव”निशंक ” द्वारा किया गया। गोष्ठी में पधारे रचनाकारों ने अपनी रचनायें इस प्रकार प्रस्तुत कीं—-
हम हैं माली इस वतन के फूल अब ऐसे खिलायें,
हर दरख्खत पर पपीहा कोयलों के स्वर सुनायें।
आइए मिलकर वतन को इस तरह ऐसे सजायें।।
(शिव बालक राम “सरोज”)
अम्बर समान श्याम बदन हैं घनश्याम
सोहत पीताम्बर कमर मध्य कामरी
मस्तक मनोरम में मुकुट मयूर पंख
बोलती मनोहर मधुर बोल बांसुरी
(उमाशंकर यादव” निशंक”)
बालक जानि न सोच मन, त्यागहु मोह सज्ञान विचारी
(लाल बहादुर “लाल”)
फिर से वही बात पूछ लेते हो,
अलग हो या साथ पूछ लेते हो। मिलते हो तो बड़ा अच्छा लगता है,
बड़ा अजीब लगता है जब जाति पूछ लेते हो।
(निशांत ” बागी”)
छल प्रपंच करता नहीं, सच कहता हूं बात।
आग लगाऊं नीर में, कहां मोरि औकात।
(चन्द्रभान”चन्द्र “)
इसके अतिरिक्त श्री प्रशांत द्विवेदी” मृदुल”ने सामाजिक सरोकार की बेहतरीन रचनायें सुनाईं किन्तु उन्होंने पंक्तियां दर्ज नहीं कीं

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required