संत श्री ज्ञानदेव जी
संत श्री ज्ञानदेव जी
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
गृहस्थ आश्रम त्याग पित ने संन्यास ले लिया
स्त्री नहीं है गुरु को यह झूठा वचन दे दिया
स्त्री की बात सुन,गुरु को हुआ गलती का भान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
गुरु की आज्ञा से पत्नी पति को घर ले आई
इससे कुटुम्बी रुष्ट हुए सब ने की बुराई
गुरु की आज्ञा से फिर से पाया संत सम्मान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
भाद्रकृष्णाष्टमी मध्यरात्रि जन्में ज्ञानदेव
लोक कल्याण हेतु धरती पर आए भूदेव
विट्ठल जी को प्रभु ने ज्ञानी सुत किया प्रदान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
विट्ठल नाथ के पुत्र, निवृत्तिनाथ के भाई
ज्ञानी,योगी,यति, साधक हृदय भक्ति समाई
पाँच वर्ष उम्र थी मात- पित किए स्वर्ग प्रस्थान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
ज्ञानेदेव की छोटी बहन थी मुक्ताबाई
जग का कल्याण करने जन्में थे चारों भाई
सकल जग को ज्ञान देने आए संत महान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
भजन- कीर्तन कर कच्चा अन्न भिक्षा में लाते
जीवन निर्वाह हेतु सब को प्रभु कथा सुनाते
भगवत भजन गान कर करते प्रभु का गुणगान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
उपनयन संस्कार न होनें की थी कठिनाई
यह ब्राम्हणों को न देते अनुकूल दिखाई
पर इनके प्रभु प्रेम से वो भी न थे अनजान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
हृदय में बालकों के प्रति सहानुभूति जागी
सभी लोगों के मन से हीन भावना भागी
बोले जनेऊ के बाद लेंगे संत हम मान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
सलाह दी की तुम लोग पहले पैठण जाओ
शास्त्रज्ञों से उपनयन की व्यवस्था करवाओ
सभी को सम्मान मिलेगा ब्राम्हण के समान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
इनके लिए ब्राम्हणों की इक सभा बुलाई
एक उपाय बता कर शुद्धि की युक्ति सुझाई
देह दृष्टि, लाज त्याग दो खुश होंगे भगवान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
कुत्ते, चण्डाल,गौसमेत को सदा करो प्रणाम
भगवत भक्ति से सबके मिटेंगे दोष तमाम
चारों जन संतुष्ट हुए सुनकर यह फरमान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
सोपान मुक्ता ने कहा अति आनन्द की बात
हर जीवों की वन्दना करेंगे हम सब भ्रात
भगवत कीर्तन से विमुख रहते हैं नादान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
जब चारों भाई लौट रहे थे अपने स्थान
छेड़-छाड़ करने लगे उनसे दुष्ट नादान
ज्ञानदेव जी से पूछा कौन हो तुम इन्सान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
ज्ञानदेव जी ने अपना उसे नाम बताया
भैंसे की ओर संकेत कर ताना सुनाया
बोला यही ज्ञानदेव जो भैंसें सा विद्वान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
दिन भर बेचारा ज्ञान का बोझा ढोता है
ज्ञानी से बेहतर तो यह भैंसा होता है
ज्ञानदेव ने कहा ज्ञान है प्रभु का वरदान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
भैंसे और मुझमें कोई भी भेद नहीं है
भैंसे की तरह होने में भी खेद नहीं है
भैंसे के जैसे ही मुझमें बसते हैं प्राण
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
यह सुनकर भैंसे की पीठ पर मार लगाई
बोला मार की पीड़ा तुम्हें हुई क्या भाई
पीठ खोलकर दिखा दिये मार के सब निशान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
इतने पर भी दुष्ट लोगों की खुलीं न आँखें
ज्ञानदेव जी को साधारण मनुज ही आँकें
कहा गवाकर दिखलाओं भैंसे से अब गान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
हाथ रखते ही महिष ॐ उच्चारण करने लगा
देखकर चमत्कार उन दुष्टों का संशय भगा
यह देखकर विस्मित हुआ वह पापी शैतान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
अब जाना की ये कोई महान महात्मा हैं
इस धरा पर अवतरित कोई पुण्य आत्मा हैं
भक्ति प्राप्ति की रुचि जगी, किया अमृत रसपान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
एक दिन एक ब्राह्मण घर श्राद्ध अवसर पर
पितरों को घर बुलाया “आगन्तव्यम्”कहकर
अद्भुत सामर्थ्य के धनी सर्व गुणों की खान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
इनसे लोग कीर्तन ,कथा श्रवण करने लगे
धर्मज्ञ ज्ञानी भी इनका सम्मान करने लगे
नम्रता के साथ लिख शुद्धिपत्र दे दिया दान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
वेद,पुराण उपनिषद वेदान्त चर्चा करते
प्रभु नाम संकीर्तन में समय खर्चा करते
गोदावरी के तट पर जा करते नित्यस्नान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
मच्छंकरा भाष्य ,योगवशिष्ठ देख डाले
आगे के ग्रन्थों की भूमिका वहीं लिख डाले
शुद्धिपत्र लेकर नेवा के लिए किया प्रस्थान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
नेवा में गीता ज्ञानेश्वरी भाष्य कहा
जिसको स्वामी श्री सच्चिदानंद ने था रचा
आलन्दी में पहुंचकर हुआ बहुत मान- सम्मान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
श्रीवृत्तिनाथ जी को गीता भाष्य सुनाया
अपने बालक जीवन का चमत्कार दिखलाया
इनके द्वारा रचित ज्ञानेश्वरी ग्रन्थ प्रधान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
जिसे केवल पन्द्रह वर्ष की उम्र में लिखा था
संवत् तेरह सौ सैंतालिस पूर्ण किया था
इसके पश्चात भ्रमण हेतु निकले तीर्थस्थान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
निवृत्तिनाथ, सोपानदेव, मुक्ताबाई साथ
विशोबा खेचर, नरहरि अनेक संत थे साथ
पण्ढरपुर में दर्शन किया श्री विट्ठल भगवान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
श्री विट्ठल भक्त नामदेव से की मुलाकात
ज्ञानोपदेश दे नर उद्धार की करते बात
उज्जैन, प्रयाग,गया ,काशी किया गंगास्नान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
तदनन्तर संत सहित पण्ढरपुर लौट आए
पैठण अनेक स्थानों में चमत्कार दिखलाए
सभी भाई- बहन का यश फैला सकल जहान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
योगी,यति, साधक आदि नित दर्शन को आते
अर्थार्थी शंका का समाधान हैं पाते
क्षण में सभी समस्या का कर देते थे निदान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
उन दिनों जब आलन्दी ग्राम निवास करते थे
सिद्ध योगी चाँगदेव ताप्ती तट रहते थे
अपनी प्रतिष्ठा का उन्हें था बहुत ही अभिमान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
ज्ञानदेव की महिमा सुनी,मिलने को आए
सिंह सवारी,कर त्रिशूल विविध रुप बनाए
शिष्यों ने सूचित किया आए हैं कृपानिधान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
निवृत्तिनाथ ने कहा चाँगदेव घर पधारे
स्वागत के लिए जाओ वह अतिथि हैं हमारे
माटी की दीवाल पर बैठे गुणों की खान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
जब इतना सुना, कहा- चल माटी की दीवाल
दीवाल संग चल पड़े सजा आरति की थाल
देख चकित तभी हो गए ज्ञानदेव की शान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
सिंह से कूद ज्ञान के चरणों में किया प्रणाम
उनकी सिद्धी का अभिमान विगलित हुआ तमाम
ज्ञान ने जड़ दीवाल को की चेतना प्रदान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
सिंह वश में करना कोई बड़ी बात नही है
जड़ को चेतन कर दे सच में महान वही है
चाँगदेव को गले लगा दिया भक्ति वरदान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
मार्गशीर्ष कृष्णा जीवित समाधि ली ज्ञान
उसके बाद भाईयों ने किया स्वर्ग प्रस्थान
ज्ञानोपदेश के द्वारा किया जग का उत्थान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
भावार्थदीपिका,अमृतानुभव, पासठी ग्रन्थ
ज्ञानेश्वरी लिख किया ,प्रशस्त मुक्ति का पंथ
योगवशिष्ठ टीका से रह गया जग अनजान
विट्ठल पंत के घर जन्म लिए संत श्री ज्ञान
विष्णुस्वामी सम्प्रदाय में जिनका ऊंचा स्थान
राम जी तिवारी “राम”
उन्नाव (उत्तर प्रदेश)