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नवोदय वैश्विक प्रज्ञान साहित्यिक मंच का छठवां वार्षिकोत्सव संपन्न, मानद उपाधियों की घोषणा

नवोदय वैश्विक प्रज्ञान साहित्यिक मंच का छठवां वार्षिकोत्सव संपन्न, मानद उपाधियों की घोषणा

दिनांक 4 नवम्बर 2024 दिन सोमवार को नवोदय वैश्विक प्रज्ञान साहित्यिक मंच का छठां वार्षिकोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. पूर्णिमा पाण्डेय जी के द्वारा गणेश वंदना से हुई। तत्पश्चात सरस्वती वंदना, गुरु वंदना, देव अतिथि, विशिष्ट अतिथि का उद्बोधन हुआ। फिर मंच पर लगातार फेसबुक लाइव के माध्यम से शुभकामनाओं का दौर चलता रहा। सायं 4 बजे से 5 बजे तक आनलाइन कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें मंच के संरक्षक डॉ. वाई.एस पाण्डेय प्रकाश कार्यक्रम अध्यक्ष की भूमिका निभाए और ग्राम टुडे के संपादक शिवेश्वर दत्त पाण्डेय, संगीत सम्राट पद्मधर झा शर्मा, वरिष्ठ कवि सुधीर श्रीवास्तव, विजय प्रताप शाही एवं प्रेमलता रसबिन्दु को विद्या वाचस्पति सम्मान मानद उपाधि देने की घोषणा की। साथ ही साथ कुछ कवियों/कवयित्रियों को उनकी प्रकाशित पुस्तक के लिए वर्षवार नवोदय वैश्विक प्रज्ञानपीठ सम्मान की भी घोषणा के साथ मंच को अपना आशीर्वचन प्रदान किया। विशिष्ट अतिथि के रूप मंच के मीडिया अधीक्षक एवं वरिष्ठ परामर्शदाता सुधीर श्रीवास्तव ने कहा मंच उत्तरोत्तर गतिमान रहे और दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करता रहे। मंच की उपाध्यक्षा डॉ. पूर्णिमा पाण्डेय ने वार्षिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि अब तक इस मंच से कुल 71 पत्रिकाएं प्रकाशित हो चुकी है। उसके बाद मंच के संस्थापक डॉ. ओउम प्रकाश मिश्र ने अपनी शुभकामनाओं के साथ कुछ महत्वपूर्ण सम्मान का प्रस्ताव दिया। इस कार्यक्रम में मंच के परामर्शदाता, छंद विशेषज्ञ लवकुश तिवारी ने अपनी सुमधुर कंठो से सरस्वती वंदना के साथ शुभकामनाएं प्रेषित किया। रंजना बिनानी ने सुंदर ढंग से अपनी शुभकामनाएं दी। एकता गुप्ता ने अपनी शुभकामना व मधुर आवाज से सबका मन मोह लिया। संजीव भटनागर सहित तमाम कवि कवयित्रियां उपस्थित रहे और अंत में अमिता गुप्ता ने अपनी शुभकामनाओं के साथ सबका आभार ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम का संचालन मंच के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. कृष्ण कान्त मिश्र ने बड़े ही शानदार तरीके से किया। फिर रात्रि 8 बजे फेसबुक सुर लहरियां का आयोजन हुआ जिसमें मण्डला मध्यप्रदेश से प्रो. शरद नारायण खरे ने अपनी सुरमई प्रस्तुति दी। उसके बाद लगभग 27 रचनाकारों को नवोदय वैश्विक साहित्य रत्न से सम्मानित किया गया।

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