मेरा छत्तीसगढ़
मेरा छत्तीसगढ़
महकती प्रकृति की गोद में बसा,देश की शान है।
लवकुश की जन्मस्थली,मेरा छत्तीसगढ़ महान है।
राजिम,सिरपुर,शिवरीनारायण,चंद्रपुर पवित्र धाम है।
केशकाल,मैनपाट,चित्रकूट,तीरथगढ़ स्वर्ण समान है।
कोरबा कोयला का भंडार,बैलाडीला दल्ली लोहे की खान है।
वीर नारायण,गुरू घासीदास,गुण्डाधुर माटी पुत्र महान है।
देखो ऊँची पहाड़ी पर बसा,बम्बलेश्वरी मैया का धाम है।
दंतेवाड़ा की दंतेश्वरी और रतनपुर माँ समान है।
मंदिरों की नगरी आरंग,कुटुम्बसर की गुफा अनजान है।
पोरा,तीजा,नवाखाई,हरेली,छेरछेरा,त्यौहारों की शान है।
गोंड,बैगा,कमार,उरांव,हलबा,संवरा जनजातियाँ महान है।
धान का कटोरा,खैरागढ़ गीत संगीत का खान है।
छत्तीसगढी दानलीला,साहित्य का रामायण समान है।
छ.ग. की माटी सिंचित करता,गंगरेल,दुधवा,बाँगो बांध है।
छ.ग. का गौरव पं.रविशंकर शुक्ल माटी पुत्र महान है।
भोरमदेव,गिरौदपुरी,दामाखेड़ा और प्रसिद्ध सोनाखान है।
ददरिया,भरथरी ,लोरिक-चंदा,पंडवानी महाभारत की गान है।
भिलाई का इस्पात,कोरबा का ताप,अर्थव्यवस्था की जान है।
महानदी,शिवनाथ,हसदो,इन्द्रावती,जोंक पानी की खान है।
आन्नदमयी वातावरण वाला,मेरा छत्तीसगढ़ महान है।
सुन्दर लाल डडसेना ‘ मधुर’
ग्राम-बाराडोली(बालसमुंद),पोस्ट-पाटसेन्द्री,
तह-सरायपाली,जिला-महासमुंद (छग)