देश की आन मेरा तिरंगा
देश की आन मेरा तिरंगा
देश की आन तिरंगा,
वतन की शान तिरंगा,
इसके खातिर वीरों ने दिया
बलिदान जीवन का….
भारत गणराज्य का प्रतीक तिरंगा
तीन रंगों में लहराता तिरंगा,
इसको हमने अपनाया था,
वो साल शुभ बड़ा था….
1947 की वो चमक निराली थी, संविधान सभा में बैठे सब नर-नारी थे।
केसरिया रंग साहस, त्याग बलिदान का,
जैसे विजय चंदन तिलक अभिमान का….
सफेद चांद पूर्णिमा का आके
रंगा मध्य पवित्रता का,
शांति देता, कर्मो को हमारे
सत्यता पर चलने से पूरा करता काम हैं….
हरियाली चहुं ओर हो,
नीचे धरा विशाल हो,
रंग यह विश्वास प्रकट करता हैं,
समृद्धि का प्रतीक है….
सफेद बादलों से मध्य बसा
रंग सफेद सजा, नीले आकर्षित
आकाश रंग जैसे सिर उठे गगन ओर,
चौबीस तीलियां इसमें निरंतर गति प्रगतिशील करें……
एकता, सम्प्रभुता और अखंडता का प्रतीक
गौरवान्वित होती, भारतीय जनता अनेक,
नियम भी इसे कठोर, सरकारी विभागों में सजें धजें,
आनेवाला हैं पर्व वो, स्वतंत्रता दिवस देख।।
आज हम सब मिलकर बोले,
सारे काज छोड़कर जय घोष
दो पल को कर ले।
भारत भाग्य विधाता तेरी जय, तेरी जय
सौ. निशा बुधे झा निशामन
जयपुर