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आनन्द थाम में साहित्यिक आयोजन

 

दिल्ली – दिनांक 19.12.2023 दोपहर को एक साधारण किन्तु श्रद्धा भक्ति युक्त भव्य साहित्यिक कार्यक्रम में, जिसका आयोजन प्रसिद्ध संत श्री सुधांशु जी महाराज के आनन्द धाम आश्रम के दिव्य लोक संभाग में, साहित्य संसार की विनम्र साहित्यकारा, सुश्री सविता चढ्ढा द्वारा किया गया था, स्वयं सविता जी, श्री ओम सपरा जी, श्री राही राज जी , सुश्री मुक्ता जी एवं सुश्री कल्पना जी ने अपनी प्रकाशित पुस्तकों के आश्रम में लोकार्पण के पश्चात पुस्तकों की प्रतियां आचार्य श्री सुधांशु जी को भेंट कीं।
इसी क्रम में आयोजन में आमंत्रित, प्रेरणा हिन्दी प्रचारिणी सभा के राष्ट्रीय महासचिव, प्रदीप मिश्र “अजनबी”, ने भी सभा की स्मारिका पत्रिका प्रवर्तना की दो प्रतियां, एक आचार्य जी हेतु तथा एक आश्रम के पुस्तकालय हेतु, आचार्य श्री सुधांशु जी को, उपस्थित साहित्यकारों के साथ भेंट कीं। सरल स्वभाव महाराज जी ने, आभार स्वरूप, भाषा, विशेषकर हिन्दी भाषा, पर अपने उद्ग़ार व्यक्त किए।
श्री सुधांशु जी ने, साहित्य और साहित्यिक प्रवृत्ति पर बहुत सारगर्भित उद्बोधन किया। हिन्दी भाषा के संदर्भ में आचार्य सुधांशु जी ने कहा – “पूरे संसार में, 4- 5 कारक ऐसे हैं जिनके आधार पर लोग आपस में जुड़ते हैं। भाषा, भाव, भोजन, भजन और भूषा। इनमें सर्वप्रमुख है भाषा।
विविधताओं में यदि भाषा एक हो तो वह एकता लाती है। हमारी हिन्दी भाषा को, देवनागरी को, यदि अपनाया जाए तो पूरा संसार एक हो सकता है, मनुष्यता जाग्रत हो सकती है और बहुत कुछ अच्छा हो सकता है। हिन्दी के प्रचारकों और सेवियों को आचार्य श्री सुधांशु जी ने बहुत बहुत शुभकामनाएँ दीं।”
आचार्य जी की ओर से सभी साहित्यकारों के सुस्वादु भोजन की व्यवस्था थी।
कार्यक्रम में डॉ सविता चढ्ढा, डॉ पुष्पा सिंह विसेन, डॉ ओम सपरा, श्री राही राज और श्रीमती प्रीति राज,डॉ कल्पना पाण्डेय, डॉ मुक्ता,श्री कुमार सुबोध, श्री राजकुमार, सुश्री पुष्पा सिन्हा, सुश्री शकुन्तला मित्तल, श्री चंद्रकांत मित्तल, आदि साहित्य के बड़े बड़े हस्ताक्षर उपस्थित रहे।

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