शक्ति उपासना का सच्चा दरबार, सत्यचंडी धाम की महिमा अपरम्पार
शक्ति उपासना का सच्चा दरबार,
सत्यचंडी धाम की महिमा अपरम्पार
औरंगाबाद – औरंगाबाद जिले के सदर प्रखंड के रायपुरा गांव में अवस्थित सत्यचंडी धाम की महिमा अपरंपार है।प्राकृतिक सुषमा से आच्छादित पर्वत के तराई में माता सत्यचंडी का स्थान अत्यंत ही मनोरम एवं सुरम्य वातावरण से सुसज्जित है।पुराणों में इस स्थल का वर्णन आया है। सती वियोग के पश्चात भगवान शंकर जब माता सती का शव लेकर प्रलय मचा रहे थे तो अनादि ब्रह्म परम पिता परमेश्वर भगवान विष्णु ने अपने चक्र सुदर्शन से सती के शव को खंडित किया था उसी दरमियान इस पहाड़ी पर माता सती का रक्तिम हस्त गिरने का प्रमाण मिलता है। इस स्थल का अवलोकन करते हुए जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी ने बताया कि सत्यचंडी का प्राचीन नाम सतखंडी था।पुराने समय में लोग इसे सतखंडी स्थल ही कह कर पुकारते थे ।बाद में इसका नाम अपभ्रंश होकर सत्यचंडी के नाम से जाना जाने लगा।सतखंडी नाम से ही स्पष्ट होता है कि सती के अंगों का खंडन और उसी से नाम पड़ा सतखंडी।इस स्थल पर जब भक्त पहुंचते हैं उन्हें आभास हो जाता है कि इस स्थल पर जरूर प्राचीन समय में शक्ति उपासना का केंद्र रहा होगा। बासंतिक एवं शारदीय नवरात्र के समय यहां श्रद्धालु भक्तों की भारी भीड़ लगती है। साथ ही साथ गुप्त नवरात्र माघ एवं आषाढ़ में भी इस स्थल पर शक्ति के उपासकों का जमावड़ा लगा रहता है।आषाढ़ माह में जब आद्रा नक्षत्र में यहां विशाल मेला लगती है।साथ ही साथ छठ के मौके पर भी इस स्थल पर हजारों की भीड़ लगती है। दो-तीन सालों से यहां महोत्सव का भी आयोजन होते आ रहा है।औरंगाबाद जिला प्राचीन समय से ही शक्ति उपासना,सूर्योपासना एवं शिवोपासना का केंद्र रहा है। सूर्य उपासना का केंद्र देव एवं उमंगा है तो शिव उपासना का देवकुंड एवं शक्ति उपासना का महत्वपूर्ण केंद्र गजना, सतबहिनी,उमंगेश्वरी एवं सत्यचंडी धाम को माना जाता है ।