पावन है गणतंत्र हमारा
आओ मिलजुल जश्न मनाएं
स्नेह सुधा चहुं दिस बरसाएं
सुख समृद्धि धरा पर लाएं!
पावन है गणतंत्र हमारा
राष्ट्र प्रतीक तिरंगा प्यारा
प्रेम भाव भाईचारा का
त्याग दया कर्तव्य हमारा
ऐसे जन गण मन के नायक
कर्मशील के गुण हम गाएं
आओ मिलजुल जश्न मनाएं
संविधान की ध्वजा त्रिवेणी
मानवता की गुंथे वेणी
सप्त सिंधु के इस दोआब में
धवल बने समता की पैड़ी
जिज्ञासु तन मन अर्पित कर
स्वर्ग छटा को भू पर लाएं
आओ मिल जुल जश्न मनाएं
कमलेश विष्णु सिंह जिज्ञासु
राजघाट, वाराणासी (यू•पी•)