भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर
।।संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर नवण प्रणाम।।
आई वैशाख बदी दूज तिथी, सोमवार है भाई।
आने लगा प्रकाश तेजी, भीमराव देता दिखाई।
भीमराव देता दिखाई, मित्रो ! सावधान रहना है।
मेरा नही अंबेडकर , का सही यही तो कहना है।
भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर
(14अप्रैल, 1891-6 दिसंबर1956)
कोटि-कोटि नमन तुम्हें,
चरणों में हे भारत माता।
हे भारत माता के सपूत,
शिल्पी संविधान निर्माता।
बाबा भीमराव अंबेडकर,
देश है जन्मोत्सव मनाता।
कोटि-कोटि नमन बाबा,
शिल्पी भीमराव कहाता।।
भारत की पुण्य धरा पर,
है भीमराव जन्म लिया।
प्रकटे समाज राष्ट्र शिल्पी,
अभिनव अविराम किया।
डॉ भीमराव अम्बेडकर ये,
इतिहास नै प्रणाम किया।
दुवा अमर नाम अभिराम,
कहा सो काम है दिया।।
पिता रामजी सेना में थे,
देशभक्त पद से सूबेदार।
भीमा बाई माता कहिये,
वे घणी थीं धर्म परायण।
दोनों के शुद्धभाव पुण्य,
प्रताप पुत्र महापरायण।
आजादी-आत्म सम्मान,
का महत्व लगे समझावण।।
जन जन को स्वाभिमान,
का था वे मार्ग दिखलाया।
होता नहीं कोई जन्म से,
कोई ऊंचा नीचा बतलाया।
उत्तम कर्म से होते उत्तम,
इन्सानियत मार्ग दिखाया।
एक संविधान देश का है,
सबको सम हक दिलाया।।
शोषित वंचित रहे न कोई,
मार्ग के प्रणेता बन आया।
तूफानों भी रोक सके नहीं,
कष्टों से भिड़ना सिखाया।
जाति पंथ छुआ छूत भेद,
अंबेडकर आय मिटाया।
मानवता रहे सर्वोच्च नित,
था राष्ट्रीय धर्म अपनाया।।
सर्व श्रेष्ठ संविधान बनाकर,
सारी दुनियां को चेताया।
देश के कण कण में शक्ति,
भारतीय सामर्थ्य बताया।
धर्म कर्म और लिंग भेद नै,
था जड़ से ही दूर हटाया।
समाज में सबकी समानता,
समभाव से पाठ पढ़ाया।।
भारतीय संविधान शिल्पी,
हम तुम्हें हैं प्रणाम करते।
सर्वोत्तम संविधान भारती,
नमन कोटि कोटि हैं करते।
भारत नित अजेय पराक्रमी,
अखंडता का दम हैं भरते।
जय भारत, जय माॅं भारती,
दुवा संप्रभुता की करते।।
14 अप्रैल 1891 जन्में थे,
वहीं आज जन्मोत्सव है।
मध्यप्रदेश की महू नगरी,
मना वहाॅं जन्म उत्सव है।
माॅं भीमाबाई जन्म दिया,
मन में छाया वर्षोत्सव है।
हुये क्रांतिकारी,परिवर्तन,
जगी घरों शिक्षा अलख है।।
भीमराव महिला उत्थान की,
दीर्घकालीन ज्योति जलाई।
महिला-पुरुष अधिकार सम,
समानता की भूमिका निभाई।
सेवा साधना परोपकारिता,
भावना जन-जन में आई।
भारतीय सामाजिकता की,
अद्भुत घणी छवि बनाई।।
भारत रत्न अम्बेडकर के,
जन्मोत्सव पे मंगलकामना।
पृथ्वीसिंह’ संविधान पवित्र,
बधाई और है शुभकामना।
सबकी जय जय कार हो,
नित सफलता से सामना।
युगों बाद आये सुधारक है,
कुरीतियाॅं संहार कामना।।
कवि पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई
हिसार (हरियाणा)