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“महिला काव्य मंच (रजि.) की लखनऊ इकाई की मासिक काव्य गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया।

“महिला काव्य मंच (रजि.) की लखनऊ इकाई की मासिक काव्य गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहीं श्रीमती नीरजा शुक्ला।गोष्ठी का आरम्भ डॉ ऊषा चौधरी (अध्यक्ष मकाम उ०प्र० मध्य) के प्रस्तावना भाषण से हुआ।सर्वप्रथम डॉ रीना श्रीवास्तव ने अपने मधुर स्वर में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।डॉ राजेश कुमारी (राष्ट्रीय अध्यक्ष शिक्षा मंच ) की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आगाज़ हुआ। गोष्ठी डॉ रीना श्रीवास्तव के कुशल संचालन में आरम्भ हुई।डॉ उषा चौधरी ने अपनी कविता ‘नहीं कह पाती हूं मैं बहुत कुछ,नहीं समझ पाते हो तुम कुछ’ सुना कर कार्यक्रम का आगाज किया। नीलम किशोर जी ने ‘जिंदगी एक नियामत है,यूं ही ना गुजर जाने दो’,सरिता कटियार ने ‘बवाले वहम और फूटे करम हैं’,अंजू सुंदर ने ‘जिस कूलंकषा के तट पर उपजा था जीवन’,गीता खत्री ने ‘नमन मेरा सिर्फ उन्हें नहीं जो देश हित में काम आए’,श्रीमती साधना मिश्रा जी ने ‘वीर शहीदों की कुर्बानी कभी ना हम बिसराएंगे’, डॉ कालिंदी पांडे ने ‘हर खुशी में एक तराना ढूंढते हैं जिंदगी’,डॉ गीता मिश्रा ने ‘इस माटी में खेल-खेल, जीवन हरषाया,रोम-रोम मुस्काया’,नीरजा शुक्ला ‘नीरू’ जी ने गोष्ठी में सम्मिलित होकर ‘दर्द को दवा बना ले गर सफ़र आसान हो जाए,डॉ राजेश कुमारी ने ‘आज देश का हाल देख,चिंता में हम खोये हैं,डॉ रेखा गुप्ता जी ने ‘बहक गये हम जो देखे जलते नहीं ठिकाना है अब खुशी का’ श्रीमती मनीषा श्रीवास्तव ने ‘तेरी साजिशों के एक दिन तरकीब हो जाने तक’ श्रीमती बीना श्रीवास्तव ‘रिक्त हो ना सका मन का आंगन मेरा”, डॉ अर्चना सिंह ने ‘महाकुंभ का मेला आया,श्रद्धा का सागर लहराया’ डॉ पूनम सिंह ने ‘कुंभ -महाकुंभ तीर्थराज प्रयाग में ,संगम तट पर दिव्य दृश्य है’, डॉ रीना श्रीवास्तव ने ‘कुंभ के दंभ से पट गया जनसैलाब’ सुना कर खूब वाह-वाही बटोरी।
सभी रचनाएं सम-सामयिक
सारगर्भित,विविधतापूर्ण एवं जीवन का सार व्यक्त करने वाली रहीं।डॉ रीना श्रीवास्तव ने सफल गोष्ठी के लिए सभी को हृदय तल से बधाई दी एवं सभी सम्मानित सदस्यों का धन्यवाद दिया तथा ‘सर्वे भवन्तु सुखिन सर्वे संतु निरामया’ के सन्देश के साथ गोष्ठी का समापन किया।

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