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हिंदी महाकुंभ

हिंदी महाकुंभ

जबलपुर संस्कार धानी में हिंदी का कुम्भ लगाया है,
कवियों और साहित्य कारों का संगम जी ने सम्मान बढ़ाया है।।
संगम हुआ जहाँ सब हिन्दी भाषियों का,
सभी नगर शहर गाँव व, प्रदेश वासियों का।
सबने मिल साहित्य संगम त्रिवेणी में डुबकी लगाई है,
ली प्रेरणा भैया संगम जी से, संगठन बने हिन्दी बोलने वालों का।।
सुन्दर सुगठित आयोजन ये हुआ, हिन्दी का परचम लहराया।
आये दूर सुदूर से कवयित्री व कविगण, ने हिन्दी गुण गाया।।
अब बने राष्ट्र भाषा हमारी हिन्दी,
आंदोलन हम को करना है,
बस इसी लिए अब देश के सब प्रांतों में बिगुल बजाया।।
है धन्य आपको संगम भैया जी,
जो चले राह थे अकेले ही।
पर डगर में चलते चलते ही, मिल गये सब साथी सहेले भी।
और भरी हुंकारी हिन्दी की दिल्ली के लाल किले जाकर।
ये गूंज उठा नारा गूंज उठी सब गैलें भी।

सुषमा वीरेंद्र खरे सिहोरा

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