घर-घर तक संस्कृत भाषा को पहुचाना ही योजना का उद्देश्य है- वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी
घर-घर तक संस्कृत भाषा को पहुचाना ही योजना का उद्देश्य है- वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी
लखनऊ – दिनांक 17 फरवरी 2025
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा संचालित गृहे गृहे संस्कृतम् योजना के अंतर्गत फरवरी मासीय बारह दिवसीय संस्कृत शिक्षण शिविर केंद्रों का समापन आभाषिक पटल पर सम्पन्न हुआ। यह प्रशिक्षण दिनांक 03 फरवरी से 17 फरवरी 2025 तक संचालित हुआ। जिसमें प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 51 प्रशिक्षक सरल संस्कृत भाषा शिक्षण कक्षा का संचालन सम्यकतया किये । संस्थान के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी दिनेश मिश्र ने कहा कि गृहे गृहे संस्कृतम् योजना प्रशिक्षकों के अथक प्रयास से पुष्पित हो रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य घर-घर तक संस्कृत को पहुंचाना। समाज में व्याप्त भ्रान्ति है कि संस्कृत भाषा कठिन है। यह भ्रान्ति गृहे गृहे संस्कृतम् योजना के द्वारा समाप्त हो रही है। किसी को भी यदि ऐसा प्रतीत हो रहा हो कि संस्कृत भाषा कठिन है तो वह आंनलइन संस्कृत सम्भाषण योजना तथा गृहे गृहे संस्कृतम् योजना में जुड़कर संस्कृत भाषा को सरल रीति सीख सकता है। तथा संस्कृत के ग्रन्थों को ठीक से समझा सकता है।
ऑनलाइन समन्वयक श्री दिव्यरंजन जी ने योजना का विषयोपस्थापन किया। उन्होने कहा कि इस योजना से संस्कृत को सीखे ही नहीं अपितु इसे आचरण में लाने की महती आवश्यकता है। भारत की संस्कृति की सार्थकता संस्कृत भाषा में ही नीहित है। योजना के प्रदेश समन्वयक डॉ0 अनिल गौतम ने समागतों का धन्यवाद ज्ञापन किया। प्रदेश समन्वयक ने कहा कि संस्कृत भाषा भारतीयो के लिए संस्कृति और संस्कार का समन्वित रूप है जो जीवन को सुसभ्य बनाती है। समापन-सत्र में कार्यलय के कर्मचारी महेन्द्र पाठक, नितेश श्रीवास्तव, श्रीमती पूनम मिश्रा, श्री ऋषभ पाठक, शान्तनु मिश्र, शिवम गुप्ता आदि मौजूद रहें। समन्वयकों में श्रीमती राधा शर्मा, दिव्यरंजन सहित ओनलाइन संभाषण योजना के प्रशिक्षक उपस्थित रहें। संचालन गृहे गृहे संस्कृतम् योजना के प्रशिक्षक प्रदीप शर्मा ने किया। कार्यक्रम का आरम्भ वैदिक मंगलाचरण से हुआ जिसका वाचन प्रशिक्षिका रोली पाण्डेय ने किया। संस्थान गीतिका शिक्षिका कंचन मिश्रा जी ने प्रस्तुत किया। प्रशिक्षिका अर्चना मिश्रा ने शान्तिमंन्त्र के द्वारा कार्यक्रम का समापन किया।
इस अवसर पर विभिन्न जनपदों के विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों ने दीप प्रज्वलित कर तथा सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण द्वारा कक्षाओं का शुभारंभ किया। समापन-सत्र में प्रधानाचार्य सहित सभी शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं समुपस्थित रहे। केंद्र संचालन संस्थान के शिक्षकों ने किया। इस अवसर पर विद्यालय के कर्मचारी एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे ।