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25 दिसंबर बुधवार को एक शाम इश्तियाक सईद के नाम से आयोजित कार्यक्रम

1-आना हमारे शहर में संगम घुमाएँगे
2-असलम आदिल के ग़ज़ल संग्रह परी चेहरा और नूर-ए-मुज़स्सम का हुआ विमोचन
3-दूसरे सत्र में हुआ कवि सम्मेलन
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प्रयागराज। आज 25 दिसंबर बुधवार को एक शाम इश्तियाक सईद के नाम से आयोजित कार्यक्रम एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज पुस्तक मेला में पुस्तक विमोचन समारोह एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें असलम आदिल के ग़ज़ल संग्रह परी चेहरा और नूर ए मुज़स्सम नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इश्तियाक सईद, अध्यक्ष अजामिल व्यास और विशेष अतिथि इरफान जौनपुरी व डॉ.शंभूनाथ त्रिपाठी रहे। ग़ज़ल संग्रह पर असरार गांधी, अहमद हसनैन, विवेक सत्यांशु और म॔सूर आलम खान ने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कविता और गजलों की रसधार बही। इसमें डॉ.अजय मालवीय बहार इलाहाबादी ने पढ़ा- “आना हमारे शहर में संगम घुमाएँगे/कुछ और तीर्थों का भी दर्शन कराएंगे”, पंडित राकेश मालवीय मुस्कान ने “महाकुंभ के कालखंड में, किसको तिलक लगाऊँ/कहाँ खड़े हैं रामदुलारे, किसको टेर सुनाऊँ” शम्भुनाथ श्रीवास्तव ने कहा “सुरसरि की पावन धारा में शुभ-अशुभ निरंतर बहते हैं” कवि-कलाकार रवींद्र नाथ कुशवाहा ने कहा यह कैसी गिरावट आ गई है दोहरे व्यक्तित्व में भी मिलावट आ गई है” निखिलेश मालवीय ने कहा भारत माता की जय बोलो, राम कैलाश पाल प्रयागी ने दुनिया का झंझावात का चक्रव्यूह तोड़कर श्रीराम न आते तो ये हिन्दुस्तान न होता।, विवेक सत्यांशु, मिली ऐ, शम्भुनाथ त्रिपाठी अंशुल, इश्तियाक सईद, एम.एस.शाहिद, सुशान्त चट्टोपाध्याय, हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ,अजामिल व्यास आदि के काव्य पाठ से दर्शक झूम उठे।
कार्यक्रम का आयोजन प्रख्यात कवि-कलाकार रवीन्द्र कुशवाहा और संयोजन अजय मालवीय ने किया। संचालन एम.एस.शाहिद ने और धन्यवाद ज्ञापन राकेश मालवीय ने किया।

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