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डा . हरिवंशराय बच्चन की जयंती पर उनको याद किया गया

डा . हरिवंशराय बच्चन की जयंती पर उनको याद किया गया ———————-
स्थानीय पी डब्लू डी के प्रांगण में साहित्यिक संस्था इंद्रधनुष साहित्य परिषद् के तत्वावधान में लोकप्रिय हिंदी कवि डॉ हरिवंश राय बच्चन की जयंती साहित्यकार हेमंत यादव की अध्यक्षता में समारोह पूर्वक मनाई गई। जिसका संचालन रोहित राज ने किया।
सर्व प्रथम डॉ बच्चन की तस्वीर पर उपस्थित साहित्यकारों, साहित्य प्रेमियों द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। इसके पश्चात् वक्ताओं ने उनके ब्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा की। सभा अध्यक्ष हेमंत यादव ने कहा क़ि डॉ हरिवंश राय बच्चन का जन्म 27 नवंबर 1907 ईस्वी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ था। उन्होंने इलाहबाद और काशी हिन्दू विश्व विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की थी । बिनोद कुमार तिवारी ने कहा क़ि डा. हरिवंश राय बच्चन ग्यारह वर्षों तक इलाहबाद में अंग्रेजी के प्रद्यापक रहे। इसके साथ ही उन्होंने केम्ब्रिज विश्व विद्यालय में कवि डब्लयू बी किट्स के रचनात्मक योगदान पर पीएचडी की। ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय थे। उन्होंने शेक्सपियर के नाटकों का हिंदी में अनुवाद भी किया था। 1955 में भारत सरकार ने उनको हिंदी विशेषज्ञ के रूप में मनोनीत किया।
सुनील कुमार दास ने कहा क़ि डा बच्चन का समग्र साहित्य बच्चन रचनावली के नाम से नव खण्डों में प्रकाशित हो चूका है। उन्हें पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया था।विभिन्न देशों में साहित्यिक समारोहों में उन्हें राष्ट्रभाषा का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त हुआ था। स्कूली पाठ्य क्रमों में , युग का जुआ, पथ की पहचान आदि रचनाएँ आज भी लोगों की जुबान पर हैं। सुनील दास ने उनकी कविता मधुशाला की कुछ पंक्तियां ‘ मंदिर मस्जिद बैर कराती, मेल करती मधुशाला ‘ भी सुनाई।
इस अवसर पर रामजी मिश्र, सीताराम बिहारी, पलकधारी मंडल, शिवनारायण चौधरी, शिवराम साह, अरविंद ठाकुर, शिवानंद पासवान आदि उपस्थित थे।

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