आदिशक्ति जगदंबा ही सृष्टि का आधार-
आदिशक्ति जगदंबा ही सृष्टि का आधार-हिमान्शु महाराज
रतनपुर-शारदीय नवरात्र मे सिद्ध शक्तिपीठ मा महामाया रतनपुर व्यासपीठ से देवीभागवत प्रवचन करते हुए श्रद्धेय पण्डित डाक्टर सत्यनारायण तिवारी हिमान्शु महाराज ने ईश्वर की संकल्प शक्ति से जगत जननी मा भगवती द्वारा पूरी सृष्टिसृजन व संचालन करते हुए जगदंबा को ही सृष्टि का आधार बतलाया। उन्होने माता के नौ रूपो क्रमशः शैलपुत्री, ब्रम्हचारिणी, चन्द्रघन्टा, कुष्माण्डा ,स्कन्दमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि,महागौरी और सिद्धिदात्री सभी पूरे विश्व को उर्जा देने, भक्ति ज्ञान वैराग्य, शक्ति और मुक्ति प्रदान करने का कार्य कर रही है।माता का जवारा और फूलवारी हमारी कृषि और ऋषि संस्कृति की पोषक, संरक्षक व संवर्धक के रूप मे दृष्टिगोचर होती है।भगवती के कामबीज क्लीम का जपकर सुदर्शन और शशिकला ने विषमता को समता और प्रतिकुलता को अनुकूलता मे परिवर्तन करने का सौभाग्य प्राप्त किया।राजा सुबाहु ने भगवान शिव की नगरी काशी मे भगवती दुर्गा का भव्य मंदिर स्थापित कर लोगो को शिवशक्ति से जोडने का प्रयास किया। जिनके रोम रोम मे तैतीस कोटि देवताओ का वास है।जिनका गोबर, गोमूत्र, गोरस, दही, घी, के बिना यज्ञ का पंचगव्य और पंचामृत असंभव है। जिस वशिष्ठ की नंदनी गौ माता ने विश्वामित्र के ताकतवर सैनिको को धूल चटाया था।वही गौमाता आपको उपेक्षित तरीके से सडको पर दिखाई पड रही है यह चिन्ता और चिन्तन का विषय है।सोने और चान्दी के गौदान के प्रदर्शनो से बचकर अधिक से अधिक गौशाला निर्माण कराने का आग्रह डाक्टर तिवारी ने किया। उन्होने भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण द्वारा नवरात्र व्रत की चर्चा करते हुए दोनो के सम्पूर्ण चरित्र पर प्रकाश डाला। सनातन धर्म को विश्व का सबसे प्राचीन धर्म बतलाते हिमान्शु महाराज ने आध्यात्मिक नगरी के चतुर्युगी होने का प्रमाण प्रस्तुत किया। आज केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने मा महामाया रतनपुर का पूजन कर देशवासियो के खुशहाली और आत्म निर्भर भारत के निर्माण हेतु मा से आशीर्वाद मागा। श्री साहू कारीडोर निर्माण के माध्यम से भारतीय सनातन संसकृति के संरक्षण व संवर्धन की बाते कही।उक्त अवसर पर यजमान हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्री राधेश्याम शर्मा, श्रीमती शकुन्तला शर्मा,श्री सतीश शर्मा, श्री संतोष शुक्ला,पंडित नीरज तिवारी, पंडित मुकेश शर्मा, रमेश कुमार यादव, रामसिंह साहू सहित सैकड़ो श्रद्धालुओ ने भागवत कथा का रसपान किया।