चैतन्य सिटी में चलरही श्रीमद्भागवत सप्ताह के षष्ठम दिवस
चैतन्य सिटी में चलरही श्रीमद्भागवत सप्ताह के षष्ठम दिवस की कथा मे पूज्य कथा व्यास श्री रूपनारायण शास्त्री जी ने रासपंचाध्यायी का प्रसंग सुनाते हुये बताया कि भगवान कृष्ण ने गोपियों को अपनी निकता का अवसर प्रदान किया महारास का प्रसंग के जीवत्मा से परमात्मा का मिलन और साथ ही कामदेव को राशस्थली में उल्टा लटकाकर ये लीला की है।”उत्तम्भयं रतिपतिं रमयंचकार:” जिस लीला स्वयं कामको भस्म करने वाले देवाधिदेव महादेव भी उपस्थित थे क्या वह कोई सांसारिक वासना से युक्त कार्य हो सकता है?भगवान बृवासियों का प्रेम ही प्राप्त करना चाहते हैं और बृज के गोपी ग्वाल केवल श्रीकृष्ण का ही आश्रय प्राप्त करना चाहते हैं।उद्धवगोपी संवाद,कंशमर्दन,रुक्मणी मंगल के साथ ही कथा विश्राम हुई।
कल कथा का विश्राम दिवस रहेगा।कथा आस पास से श्रोताओं का समूह उपस्थित होकर कुंभ के पावन पर्व पर भागवत भागीरथी में गोता लगा रहे हैं।
।।राधे राधे।।