विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलम्पीयाड
भारत सहित विश्व के पचास से अधिक देशों में आयोजित होगा ‘विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिन्दी ओलम्पियाड –2025’
अमेरिका, नीदरलैंड्स, नाटिंघम (यू.के.), म्यांमार, थाईलैण्ड, आयरलैंड, बुल्गारिया, बर्मिंघम (यू.के.), सिंगापुर, उजबेकिस्तान, यूक्रेन, रूस, श्रीलंका, सहित भारत के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने की रचनात्मक भागीदारी
भारतीय कला, साहित्य और संस्कृति के साथ–साथ हिंदी भाषा ने संपूर्ण विश्व में लोकप्रियता के नये आयाम गढ़ें हैं। विदेशों में भारतीय कला, साहित्य, संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत को जानने तथा इसके लिए हिंदी भाषा सीखने वालों की संख्या काफी बढ़ी हैं। इसी तरह भारत के अहिंदी भाषी राज्यों खासकर उत्तर पूर्वी एवं दक्षिण के राज्यों में भी हिंदी सीखने वालों की माँग भी बहुत बढ़ी है। भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भाषा शिक्षण को कौशल के रूप में रेखांकित किया गया है। यह बहुत सुखद है कि हिंदी वैश्विक स्तर पर रोजगारमूलक भाषा के रूप में भी स्थापित हो रही है। वैश्विक स्तर पर साहित्य, कला और संस्कृति के लिए समर्पित ‘विश्व रंग’ महोत्सव ने अपने छः संस्करणों में हिंदी, भारतीय भाषाओं और स्थानीय बोलियों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में वैश्विक नई जमीन तैयार की है।
उक्त विचार विश्व रंग के निदेशक एवं रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे ने ‘विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलम्पियाड-2025’ के लिए आयोजित दो दिवसीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर श्री संतोष चौबे ने घोषणा करते हुए कहा कि इस वर्ष ‘विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलम्पियाड–2025′ का आयोजन ’14 सितंबर 2025 (हिंदी दिवस) से 30 सितंबर 2025’ तक भारत सहित ‘विश्व रंग’ से जुड़े 50 से अधिक देशों में आयोजित किया जाएगा। *यह ओलम्पियाड हिंदी भाषा के साथ–साथ देवनागरी लिपि को समर्पित होगा।*
इस दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बैठक का शुभारंभ गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर किया गया।
बैठक के प्रारंभ में प्रोफेसर अमिताभ सक्सेना ने विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलम्पियाड–2025 की विस्तृत कार्ययोजना पर प्रस्तुतीकरण दिया। डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, प्रति कुलाधिपति, आर.ए.टी.यू. ने आईसेक्ट समूह के सभी छः.विश्वविद्यालयों में हिंदी ओलम्पियाड के आयोजन पर अपनी बात रखी। डॉ. जवाहर कर्नावट, निदेशक, टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केन्द्र ने हिंदी ओलम्पियाड के आयोजन संबंधी देश–विदेश से प्राप्त सुझावों को प्रस्तुत किया।
इस अंतरराष्ट्रीय दो दिवसीय बैठक में श्री अनूप भार्गव (अमेरिका), डॉ. रामा तक्षक (नीदरलैंड्स), जय वर्मा (नाटिंघम, यू.के.), श्री चिंतामणि वर्मा (म्यांमार), शिखा रस्तोगी (थाईलैण्ड), श्री अभिषेक त्रिपाठी (आयरलैंड), डॉ. मौना कौशिक (बुल्गारिया), ने बैठक में उपस्थित होकर अपने रचनात्मक विचार व्यक्त किए। बैठक में डॉ. संध्या सिंह (सिंगापुर), डॉ. उल्फत (उजबेकिस्तान), डॉ. यूरी बोत्वींकिन (यूक्रेन), डॉ. प्रगति टिपणिस (रूस), सुश्री अतिला कोतलावल (श्रीलंका), ने वर्चुअल प्लेटफार्म से भागीदारी कर अपने रचनात्मक सुझाव प्रस्तुत किए।
इस दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बैठक में डॉ. नूतन पाण्डेय, केन्द्रीय हिंदी निदेशालय (दिल्ली), श्री धनजी प्रसाद, केन्द्रीय हिंदी संस्थान, (आगरा–दिल्ली) डॉ. कुमुद शर्मा, उपाध्यक्ष, साहित्यिक अकादमी एवं प्रोफेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय (दिल्ली), डॉ. करुणा शंकर उपाध्याय,वरिष्ठ प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, हिंदी विभाग, मुंबई विश्वविद्यालय (मुंबई, महाराष्ट्र), श्री अनिल शर्मा जोशी, अध्यक्ष, वैश्विक हिंदी परिवार, (दिल्ली), प्रो. जितेन्द्र श्रीवास्तव, निदेशक, अंतरराष्ट्रीय प्रभाग, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू, दिल्ली), प्रो.नवीन चन्द्र लोहनी, वरिष्ठ आचार्य, अध्यक्ष हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग,चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ (उत्तर प्रदेश), डॉ. सोमा बंधोपाध्याय कुलपति, वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग, एजूकेशन प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन, कोलकाता (पश्चिम बंगाल), डॉ. एस.ए. मंजूनाथ (मंगलौर, कर्नाटक), श्रीमती अनुपमा तिवारी (बैंगलोर, कर्नाटक), श्री रामगोपाल सिंह, (अहमदाबाद, गुजरात), प्रो. सुशील कुमार शर्मा (मिजोरम), श्री राकेश कुमार मिश्र, महात्मा गांधी राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, (वर्धा) ने भारत के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों के रूप में रचनात्मक भागीदारी करते हुए विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलम्पियाड–2025 की वृहद रूपरेखा पर अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर वरिष्ठ कथाकार श्री मुकेश वर्मा, डॉ. पुष्पा असिवाल, निदेशक–संयोजक, एस.जी.एस.यू., डॉ. संगीता जौहरी, कुलसचिव, आर.एन.टी.यू., डॉ. पद्मेश चतुर्वेदी, ओ.ए.डी., चेयरमैन, कुणाल सिंह, समन्वयक, बहुभाषा अनुवाद केन्द्र, डॉ. गायत्री राजपूत, डॉ. अरुण पाण्डेय, सुश्री ज्योति रघुवंशी, राष्ट्रीय संयोजक, वनमाली सृजन पीठ, श्री प्रशांत सोनी ने भी संस्थान की ओर से रचनात्मक भागीदारी की।
अंतरराष्ट्रीय बैठक का संयोजन डॉ. जवाहर कर्नावट, निदेशक, टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र एवं श्री संजय सिंह राठौर, सचिव, विश्व रंग सचिवालय द्वारा किया गया।
उल्लेखनीय है कि आमंत्रित अतिथियों के लिए टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के ‘मुक्त धारा’ परिसर में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। वरिष्ठ संगीतकार श्री संतोष कौशिक एवं नाट्य विद्यालय के निदेशक श्री मनोज नायर के संयोजन में नाट्य विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा नाट्य संगीत, कविताओं और ब्रज तथा मैनपुरी की रंगारंग होरियों की संगीतबद्ध प्रस्तुति से सभी का मनमोह लिया। अंतरराष्ट्रीय बैठक के आयोजन में तकनीकी एवं व्यवस्थागत सहयोग डॉ. रमेश विश्वकर्मा, श्रीमती वंदना श्रीवास्तव, श्री मुकेश सेन, श्री दिनेश लोहानी, श्री कार्तिक सराठे, श्री अनिल गोस्वामी, श्री उपेंद्र पाटने, श्री उत्कर्ष काटे, श्री उमेश शर्मा ने किया।
संजय राठौड़