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किसी के बर्थडे पर

किसी के बर्थडे पर

किसी की उम्र बढ़ती है, कहीं कम होती जाती है कहीं खुशियाँ मिली हैं पर कहीं दुख में ये छाती है

किसी ने उम्र पाई है, किसी को है अभी पाना कभी गिनती तो हो सीधी, कहीं ये उलटी आती है

तुम्हारे आगे दुनिया है, अभी इक्कीस की हो तुम मगर दुनिया अनोखी है, नये जलवे दिखाती है

अभी कल ही मनाया था खुशी से जन्मदिन अपना फिर रेखा फ़िक्र की क्यों, आज पेशानी पर आती है

सिफ़त तुम को मिली है एक मुसबत सोच की, पर हाँ फ़िक्र वाजिब है, दुनिया जाने क्या-क्या लेके आती है

बड़ा इक उम्र का हिस्सा जो बीता था जवानी में मैं क्या बतलाऊँ कितनी आज उस्की याद आती है

बरस चालीस पहले, मैं वहाँ था, अब जहाँ हो तुम जरा तुम देखना ये उम्र क्या-क्या गुल खिलाती है।

मेरा गुज्जरा न लौटेगा, तुम्हारा आने वाला है निगाहें ऊँची तुम रखना, मेरी अब नीचे आती है

सफ़र लम्बा हो तो कुछ साथ ज्जादे राह लेते हैं जवानी हो तो फिर ये बात कब समझ में आती है

ताल्लुक यूँ न तोड़ो, काम आऊँगा तुम्हारे मैं मुझे भी चाहिए साया, बहुत अब धूप आती है!

ये हैं आज़ाद रिश्ते, देखो थोड़ा दिल बड़ा कर के दिलों के इस ताल्लुक़ में, उम्र कब बीच आती है?

मुझे दीवाना गर पाओ, न हो उनवान हैरत का शमा की बुझने से पहले तो लौ तेज़ होती जाती है

अगर नज्जरों में होगे तुम, तुम्हारी ढाल हूँगा मैं लगाए जर्ब दुनिया कितने, सहने को ये छाती है!

हाँ जो गिर जाऊँ रस्ते में, क़दम आगे बढ़ा लेना जो बीता कल, कहाँ दुनिया उसे गिनती में लाती है ?

जो आने वाला है उसकी क़दर है सारी दुनिया में मगर होगा हशर इसका वही जो गुजरा साथी है!

समझ कर, बूझ कर, चाहत की दुनिया में क़दम रखना जवानी में हुई ग़लती, बहुत दुख दे के जाती है!
बीएल भूरा भाबरा जिला अलीराजपुर मध्यप्रदेश

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