कुछ ही क्षण में बन सकते हैं महाज्ञानी
कुछ ही क्षण में बन सकते हैं महाज्ञानी
आपको न तो ज्यादा मेहनत करना है और न ही ज्यादा दिमाग लगाना है, बस थोड़ा-सा पैसा खर्च कीजिए और बन जाइए दुनिया के महान चिंतक, विचारक, ज्ञानी और उपदेशक। यही नहीं, पांच हजार रुपए से लेकर अपनी हैसियत के मुताबिक पैसा खर्च कर आप थोड़ी ही देर में बहुत बड़े मोटीवेटर, संसार को हर मामले में सलाह देने वाले विश्व के सबसे बड़े सलाहकार, जाने-माने लेखक, ख्यातिप्राप्त साहित्यकार के साथ ही विश्वस्तरीय सामाजिक कार्यकर्ता बन सकते हैं। इसके अलावा आप बहुत बड़े जनसेवक यूं कहें कि आप वह सब कुछ बन सकते हैं, जो आप दूसरों के लिए बनना चाहते हैं।
आपके हाथ में एक यंत्र होगा, जिसके माध्यम से आप दुनिया में जितना भी ज्ञान-विज्ञान है, उसे दूसरों पर भरपूर उड़ेल सकते हैं। भले ही आपके अपने घर तक में आपकी कोई बात न सुनी जाती हो, पर सारी दुनिया के लोगों को समझाने के लिए आप सक्षम बन सकते हैं। यही नहीं, आप चाहें तो किसी की बौद्धिकता पर भी कब्जा कर लें और दूसरों की रचना को अपने नाम से छपवाकर कवि शिरोमणि का खिताब भी हासिल कर सकते हैं।
आपके हाथ में उस चमत्कारी यंत्र के रहने पर आपको यह भी अधिकार होगा कि घर में हो रही कथावार्ता, पूजा-अनुष्ठान से लेकर दुर्गम स्थानों के धर्म स्थलों तक के दर्शन कराकर आप यह सिद्ध कर सकते हैं कि आपसे बड़ा कोई धार्मिक-आध्यात्मिक व्यक्ति नहीं हो सकता। किसी की मृत्यु पर शोक प्रकट करने और उसके सबसे बड़े हमदर्द होने का गुण आपके हाथों में होगा। यह सब बड़े आराम से आप समाज को बता सकते हैं। सवाल उठता है कि आप इतनी सारी खूबियों वाले कैसे बन सकते हैं? तो सुनिए मेहरबान, यदि आप एक रंगीन मिजाज (एन्ड्राइड) मोबाइल खरीद लें तो सब मुमकिन है।
रंगीन मिजाज मोबाइल खरीदते ही आपकी उंगलियां अपने आप चल पड़ेंगी विश्व विजेता बनने के लिए। प्रयागराज के महाकुंभ में आए साधु-संत जितना उपदेश न दे सकेंगे, उससे कई गुना ज्यादा उपदेश आप घर बैठे देने में सक्षम हो जाएंगे। कहते हैं कि धनुष से छूटा तीर, हाथ से फेंका पत्थर और मुंह से निकली बात वापस नहीं आती किंतु मोबाइल में यह गुण मौजूद हैं कि आप फारवर्ड की हुई बात को जब चाहें तब डिलीट कर उसे समाप्त कर सकते हैं। विज्ञान के इस चमत्कारी यंत्र से विश्व स्तर का ज्ञानी बनने का एक सुनहरा मौका कुछ ही रुपयों में आपको मिल रहा है। ज्ञानी बनने, समाज के हितैषी बनने, पीड़ित लोगों के हमदर्द बनने में क्या लगता है, सिर्फ हाथ की उंगलियों को और अपने दिमाग के फितूर को ही तो सक्रिय करना है। हजारों लोग यही तो कर रहे हैं। यही तो है कथित चमत्कार। इसे अपनाकर आप जिस क्षेत्र में भी चाहेंगे, अपने को महाज्ञानी के रूप में स्थापित करने में कामयाब हो सकते हैं, भले ही आप दसवीं कक्षा में तीन बार फेल हुए हों।
कुछ समय पूर्व हमने एक कविता लिखी थी, जिसका कुछ अंश इस प्रकार है:-
अपना चेहरा अपना दर्पण,
खुद भी देखो बारम्बार।
विज्ञान के इस युग में,
क्या कर लेगा छपा अखबार।।
जब चाहे ज्ञानी बन जाओ,
जब चाहे दाता करतार।
अपना चेहरा अपना दर्पण,
खुद ही देखो बारम्बार।।
तो यह है रंगीन मिजाज मोबाइल की महिमा। एक कहावत है कि “हर्रा लगे न फिटकरी, रंग चोखा हो जाय”। रंगीन मिजाज मोबाइल आपके पास है तो आपकी बल्ले-बल्ले है क्योंकि सिर्फ छटांक भर हर्रा-फिटकरी से ही रंग बहुत चटक हो जाएगा।
रामलखन गुप्त पत्रकार
चाकघाट, रीवा (म.प्र.)