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राष्ट्र के अटल स्तंभ

राष्ट्र के अटल स्तंभ

कवि, नेता और पत्रकार,
अटल जी ने पाया प्यार।
संविधान का रखा आधार,
हर वर्ग का किया सत्कार,
भारत के महान् नेता अटल, गोपाल।

ग्वालियर में जन्म हुआ,
ज्ञान का दीप प्रज्वल हुआ।
कविता लिखने का शौक छुआ,
राजनीति में भी नाम छुआ,
शब्दों के जादूगर थे, गोपाल।

हर मुश्किल को समाना किया
परमाणु परीक्षण कर दिखाया
भारत में शक्ति स्थापन किया,
विश्व में भारत का मान बढ़ाया
तीन बार प्रधान मंत्री बने थे।
गोपाल।

लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाना
देश को सही मार्ग पर चलाना
नदियों को जोड़ने का सपना,
हर क्षेत्र में रखा नया जमाना, भारत का सपना साकार किया गोपाल।

कश्मीर में अमन का मंत्र दिया,
लाहौर बस से नया संदेश दिया।
कारगिल में सेना का साथ दिया,
हर दुश्मन को युद्ध में हराया,
भारत का शांत नेता अटल जी। गोपाल।

उनकी वाणी में जादू था,
हर दिल पर अधिकार था।
हास्य, संवेदना और प्रेम था,
नेतृत्व में अद्भुत प्रेरणा था,
भारत ने पाया महानायक, गोपाल।

“अटल पथ” का लिया संकल्प,
हर नीति में रखा नया आकल्प
विकास के पथ पर देश संकल्प
हर एक के उन्नति का परिकल्प
एकता का मार्ग अपनाया। गोपाल।

कविता में छुपी उनकी दर्शन
सच की राह पर मार्ग निर्देशन
“गीत नया गाता हूँ” का आह्वान,
हर मन को छू लेता था मान,
कवि और नेता का संगम थे । गोपाल!

“भारत रत्न” का सम्मान मिला,
उनके जीवन का प्रकाश खिला।
सादगी में छुपी महानता मिला
कार्य में दृढ़ता का वचन मिल
राष्ट्र की महान् आत्मा बन गए, गोपाल।

आज भी यादों में बसे हुए,
हर दिल में अटल से जुड़े हुए।
युवाओं को प्रोत्साहन दिलाए
भारत का मान विश्व में बढाए
राष्ट्र के अटल स्तंभ बने, गोपाल।

पोरंकी नागराजु
कामवरपुकोटा, आंध्र प्रदेश

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