कृष्णा , संजना पोरवाल
कृष्णा
कारागार में तुमने जन्म लिया।
देवकी मां को धन्य किया।
गोकुल जाकर यशोदा को शिशु- प्रेम का सौभाग्य दिया।
‘गोपाल ‘बन ‘गौ ‘माता पोषण किया।
‘गिरिराज धरण ‘बन गोकुल वासियों को जीवनदान दिया।
‘कालिया ‘नाग के फन पर नृत्य किया।
‘माखन चोर ‘बन सब का मन मोह लिया।
राजा होकर भी अपने आंसुओं से सुदामा का ‘पद -प्रक्षालन’किया।
दो मुट्ठी चावल के बदले सुदामा को ढेर सारा वैभव दिया।
राधा संग प्रेम कर सारे जग को प्रेम का सही अर्थ समझा दिया।
संजना पोरवाल