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सरस अनागत काव्य/सम्मान गोष्ठी संपन्न

सरस अनागत काव्य/सम्मान गोष्ठी संपन्न
लखनऊ, अखिल भारतीय अनागत साहित्य संस्थान एवं साहित्य की दुनिया के तत्वावधान में सरस्वती एकेडमी स्कूल भरत नगर सीतापुर रोड लखनऊ में एक सरस अनागत काव्य एवं सम्मान गोष्ठी आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ शायर खालिद हुसैन ने की। मुख्य अतिथि इंजीनियर नमिता सिंह नमी थी, गोष्ठी का कुशल संचालन डॉक्टर प्रवीण पांडेय आवारा ने किया।समारोह का आरंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया। डॉक्टर प्रवीण पांडेय आवारा ने वाणी वंदना अवधी में किया।
इस अवसर पर डॉक्टर अजय प्रसून, वरिष्ठ शायर खालिद हुसैन,डॉक्टर प्रवीण पांडेय आवारा, डॉक्टर राम राज भारती,इंजीनियर नमिता सिंह नमी एवं पंडित विजय लक्ष्मी ने अपनी गीत,गजल,छंद एवं मुक्तकों से सबका मन मोह लिया।
डॉक्टर अजय प्रसून ने सुंदर अनागत गीत “इतना मन को छुओ न श्यामल, तन की प्यास रेख हो जाए। ऐसा भी शर्माना क्या है, दर्पण शिलालेख हो जाए।” पढ़कर वाहवाही लूटी।
वरिष्ठ साहित्यकार खालिद हुसैन ने उम्दा गजल”लो आ गया फसलें बहार का मौसम।किसी से प्यार के इजहार का मौसम।आओ इसकी खुशबुओं में कहीं खो जाएं। यही है दिलों के बेकरार का मौसम।”पढ़कर सबका मन मोह लिया। डॉक्टर राम राज भारती ने मुक्तक “गांधी जी के आंदोलन की जान तिरंगा है। बल्लभ भाई नेहरू की मुस्कान तिरंगा है” पढ़ा। इंजीनियर नमिता सिंह नमी ने होली पर गीत “क्यों किए हो खुद को तुम बेजार होली में।हम कर ही देंगे इश्क का इजहार होली में।” पढ़कर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया।
डॉक्टर प्रवीण कुमार पांडेय ने अवध गीत “बीत गा बसंत बौराय लागे अमवा।” पढ़ा वहीं पंडित विजय लक्ष्मी ने “जो करे पीठ पर उस वार की ऐसी तैसी।”पढ़कर सबको हसने पर मजबूर कर दिया।
अंत ने डॉक्टर राम राज भारती ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।

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