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करवा चौथ महापर्व पर

करवा चौथ महापर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं

चिरंजीवी हो पति हमारा, हर सुहागन चाहती है ।
हर-सुहागन चाहती है तो हरसुहागन चाहती है।
1-
हो सती द्रोपदी या हो सीता सती ।
काम की कामिनी हो या रमणी रती।
मैं जब तक रहूँ तब तलक हो पती,
हो सदा सर्वदा निज पति में रती।
हो पतिपद में अनुराग, अनुरागिन चाहती है।
2-
नैनो में समाया नैनो का नूर हो
नूर नैनो का नैनो से नहीं दूर हो।
रहे पांवन महावर व चुटकी सदा,
और माथे पर चमकता सिंदूर हो।
पति पर ना कोई विपदा अभागन चाहती है।
3-
चाहे कितना भी श्रृंगार चांद करवा ले।
मेरे चांद से ना सुंदर तू बिन कर वाले।
मेरे चांद को चांद तेरी नजर ना लगे ,
मैं इसीलिए पूँजती हूं कर में करवा ले।
खुशियों से खिलखिलाता आंगन चाहती है।
-विनोदी महाराजपुर

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