तुम मुझे छोड़कर
तुम मुझे छोड़कर
इस तरह भला तुम छोड़कर कैसे जाओगे
क्या कभी तुम मुझे दिल से भूला पाओगे
जाना भी चाहोगे तो कभी जा ना सकोगे
दिल से कभी तुम हमे निकाल न पाओगे
मेरे हाथो से क्या तुम अपना हाथ छुड़ा सकोगे
देखना हर पल हमे ही तुम अपनी यादों में पाओगे
बीते पलों की निशानियाँ क्या तुम मिटा सकोगे
बोलो इक पल भी मेरे बिन क्या तुम रह पाओगे
कविराज गणेश पोळ
महाराष्ट्र